Wednesday 24 December 2014

हायकू ( पंछी )


चाँद से प्रीत
रहे मन मसोस
पंछी बाँवरा

दूर गगन
खग न जाने मग
भटके राह

बंद पिंजरा
उड़ने की चाहत
चुप है पक्षी


जीने की चाह
जर्जर है पखेरू
जरा अवस्था


2 comments:

  1. वाह , पंछी को बिम्ब बनाकर लिखे गए सभी हाइकु सुन्दर !!

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  2. बंद पिंजरा
    उड़ने की चाहत
    चुप है पक्षी
    बहुत ही सुन्दर हायकू

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